भारत मे लोकडाउन 14 अप्रेल तक है, यह लोकडाउन 24 मार्च की घोषणा के बाद शुरू हुआ उससे दो दिन पहले यानी कि 22 मार्च को जनता कर्फ्यू था भारत सरकार ने लोकडाउन से पहले किसी प्रकार के कोई निर्देश बाहर काम करने वाले मजदूर वर्ग को नहीं दिए थे अब बात करते हैं जिस विषय पर यह रिपोर्ट है उसकी।
दरअशल कोरोना की वजह से हुए लोकडाउन की घोषणा से ठीक 3 दिन पहले मोदी सरकार ने 21 मार्च को विदेश से से आने वाली कॉमर्शियल फ्लाइट्स पर रोक लगा दी थी उससे पहले भारत मे विदेश से आने वाली चार्टर्ड फ्लाइट की संख्या का आंकड़ा बहुत ज्यादा था लेकिन वंही भारत मे मजदूर अपने काम पर व्यस्त थे उन्हें घर जाने कि कोई चिंता न थी क्योंकि उन्हें आभास नहीं था की लोकडाउन जैसा भी कुछ भारत मे होने वाला है।
जिस दिन भारत मे कमर्शियल फ्लाइट्स पर रोक लगी उसके ठीक पहले के दो हफ्तों मे कई देशो से संभावित कम से कम 102 प्राइवेट चार्टर्ड फ्लाइट भारत में लैंड कर चुकी थीं यह संख्या बहुत ज्यादा है वो भी उस वक्त जब देश मे कोरोना के कुछ मरीज सामने आ गए थे आपको हैरानी होगी की हमारे भारत में अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर हमेशा ही बहुत एयर ट्रैफिक रहता है इन चार्टर्ड उड़ानों को उतारने के लिए बहुत सी फ्लाइट्स को रोका गया व कुछ को लेट किया गया था।
आपको बताना चाहूँगा कि इन चार्टर्ड फ्लाइट्स में देश के बड़े बड़े बिजनेस मैन ओर संभवतः पॉलिटिशियन के रिलेटिव सवार थे या एक तरह से कहें तो राजनीति के खेमे में बैठे हुए लोग के निजिजन थे।
इन्हें जिन विमानों से लाया गया उसमे दसॉल्ट फॉल्कन 2000, बॉम्बर्डियर चैलैंजर सीरीज और हॉकर बिजनेस एयरक्राफ्ट जैसे विमान थे इन सब विमानों को भारत मे देखना दुर्लभ माना जाता हैं यानी कि बहुत कम संख्या में यह विमान भारत आते हैं इन सभी फ्लाइटस का बंदोबस्त एक ही एविएशन फर्म ने किया था जिसका नाम है जेटसेटगो इस विमानन कम्पनी को भारत की ‘उबर ऑफ स्काइज़’ के तौर पर जाना जाता है आपको हैरानी इस बात पर होगी कि देश मे आने वाले 85% इन चार्टर्ड फ्लाइट्स में केवल 1 से 3 लोग तक ही सवार थे और इसके लिए जेटसेटगो विमानन कम्पनी के द्वारा कई फ्लाइटस की कीमत 90 लाख रुपये के लगभग लगाई गई।
जैसे कि कुछ बड़े अखबार व वेबसाइट पर लिखा जाता रहा है कुछ बड़े उद्योगपतियों को आने वाले बड़े सरकारी निर्णय की पहले से ही खबर हो जाती है कुछ इसी तरह नोटबन्दी के दौरान भी सामने आया था।
इतनी बड़ी संख्या में और इतनी महंगी कीमत देकर चार्टर्ड फ्लाइट्स का अरेंजमेंट करना यह दर्शाता है कि बड़े उद्योगपति के बीच लोकडाउन के घोषणा कि भनक आम जनता से पहले ही लग चुकी थी कि देश लंबे समय के लिये लॉक डाउन में जाने वाला है इसी लिये इतनी ऊंची कीमत में इतनी तादात में पर्सनल प्लेन करके लोग धनाधन आये जा रहे थे लेकिन देश में काम कर रहें मजदूरों को इसकी भनक तक नहीं लगी कि लोकडाउन होने वाला हैं लेकिन कर्मिशयल फ्लाइट्स की रोक से पहले भारी संख्या में लोगो का आना यह दर्शाता है कि सरकार ने कुछ खास लोगो को इसकी जानकारी दी थी।
फिलहाल मोदी जी ने गरीबो को होने वाली परेशानी के लिए मन की बात में माफी माँग ली है इसलिए जनता को अब गुस्सा थूक देना चाइये।
और प्रधानमंत्री जी को माफ कर देना चाहिए।
(यह विश्लेषण आजतक की रिपोर्ट व कुछ अन्य पत्रकारो की लेखन सामग्री के आधार पर है।)
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इन लोगो से मेरा निवेदन है कि आप किसी तरह ईरान पहुँच जाइये उसके बाद आपको मोदी जी प्लेन से भारत ले आएंगे व आपके घर पहुँचा देंगे। |
दरअशल कोरोना की वजह से हुए लोकडाउन की घोषणा से ठीक 3 दिन पहले मोदी सरकार ने 21 मार्च को विदेश से से आने वाली कॉमर्शियल फ्लाइट्स पर रोक लगा दी थी उससे पहले भारत मे विदेश से आने वाली चार्टर्ड फ्लाइट की संख्या का आंकड़ा बहुत ज्यादा था लेकिन वंही भारत मे मजदूर अपने काम पर व्यस्त थे उन्हें घर जाने कि कोई चिंता न थी क्योंकि उन्हें आभास नहीं था की लोकडाउन जैसा भी कुछ भारत मे होने वाला है।
जिस दिन भारत मे कमर्शियल फ्लाइट्स पर रोक लगी उसके ठीक पहले के दो हफ्तों मे कई देशो से संभावित कम से कम 102 प्राइवेट चार्टर्ड फ्लाइट भारत में लैंड कर चुकी थीं यह संख्या बहुत ज्यादा है वो भी उस वक्त जब देश मे कोरोना के कुछ मरीज सामने आ गए थे आपको हैरानी होगी की हमारे भारत में अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर हमेशा ही बहुत एयर ट्रैफिक रहता है इन चार्टर्ड उड़ानों को उतारने के लिए बहुत सी फ्लाइट्स को रोका गया व कुछ को लेट किया गया था।
आपको बताना चाहूँगा कि इन चार्टर्ड फ्लाइट्स में देश के बड़े बड़े बिजनेस मैन ओर संभवतः पॉलिटिशियन के रिलेटिव सवार थे या एक तरह से कहें तो राजनीति के खेमे में बैठे हुए लोग के निजिजन थे।
इन्हें जिन विमानों से लाया गया उसमे दसॉल्ट फॉल्कन 2000, बॉम्बर्डियर चैलैंजर सीरीज और हॉकर बिजनेस एयरक्राफ्ट जैसे विमान थे इन सब विमानों को भारत मे देखना दुर्लभ माना जाता हैं यानी कि बहुत कम संख्या में यह विमान भारत आते हैं इन सभी फ्लाइटस का बंदोबस्त एक ही एविएशन फर्म ने किया था जिसका नाम है जेटसेटगो इस विमानन कम्पनी को भारत की ‘उबर ऑफ स्काइज़’ के तौर पर जाना जाता है आपको हैरानी इस बात पर होगी कि देश मे आने वाले 85% इन चार्टर्ड फ्लाइट्स में केवल 1 से 3 लोग तक ही सवार थे और इसके लिए जेटसेटगो विमानन कम्पनी के द्वारा कई फ्लाइटस की कीमत 90 लाख रुपये के लगभग लगाई गई।
जैसे कि कुछ बड़े अखबार व वेबसाइट पर लिखा जाता रहा है कुछ बड़े उद्योगपतियों को आने वाले बड़े सरकारी निर्णय की पहले से ही खबर हो जाती है कुछ इसी तरह नोटबन्दी के दौरान भी सामने आया था।
इतनी बड़ी संख्या में और इतनी महंगी कीमत देकर चार्टर्ड फ्लाइट्स का अरेंजमेंट करना यह दर्शाता है कि बड़े उद्योगपति के बीच लोकडाउन के घोषणा कि भनक आम जनता से पहले ही लग चुकी थी कि देश लंबे समय के लिये लॉक डाउन में जाने वाला है इसी लिये इतनी ऊंची कीमत में इतनी तादात में पर्सनल प्लेन करके लोग धनाधन आये जा रहे थे लेकिन देश में काम कर रहें मजदूरों को इसकी भनक तक नहीं लगी कि लोकडाउन होने वाला हैं लेकिन कर्मिशयल फ्लाइट्स की रोक से पहले भारी संख्या में लोगो का आना यह दर्शाता है कि सरकार ने कुछ खास लोगो को इसकी जानकारी दी थी।
फिलहाल मोदी जी ने गरीबो को होने वाली परेशानी के लिए मन की बात में माफी माँग ली है इसलिए जनता को अब गुस्सा थूक देना चाइये।
और प्रधानमंत्री जी को माफ कर देना चाहिए।
(यह विश्लेषण आजतक की रिपोर्ट व कुछ अन्य पत्रकारो की लेखन सामग्री के आधार पर है।)
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