महादेव सादगी, सरलता, सुलभता, प्रशन्नता का स्वरूप है महादेव आदि है अनन्त हैं वो देवो के देव हैं।


हमारे महादेव ही तो हैं जो उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूर्व से लेकर पश्चिम तक पूरे भारत में सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में हर जगह हर कण में उपस्थित हैं और ऐसा इसलिए है क्योंकि वो सहज है ! भले हैं ,सबकी सुन लेते है ,सुनने में देर नहीं लगाते ! फ़ौरन न्याय करने के मामले में सबका भरोसा जीत चुके ! हम सब यही मानते हैं कि वो जो करेंगे सही करेंगे !


वे बड़े है पर उनका बड़प्पन डराता नहीं किसी को भी ! सबको लगता है कि उनका हाथ पकड़ लेने में वो कभी संकोच नहीं करेंगे ! हम सबके लिए सुलभ देवता है ! किसी को अपने पास आने से रोकते नही है ,किसी को ना नहीं कह पाते ! सब की मदद करते हैं वो ! खान पान को लेकर बहुत अधिक वर्जनाएँ हो ऐसा भी नहीं है इसलिये सभी को अपने से लगते हैं ! लेने का कोई आग्रह है ही नहीं उनका बस मुस्कराहट और हर हर महादेव ! अपने लिये कभी भी कुछ जोड़ा ही नहीं महादेव ने ! अपना एक घर तक नही है उनके पास हर फिर भी सबके घर उनके हैं! कुछ लेते नहीं वो फिर भी सभी को सब कुछ दे देने को प्रस्तुत है !


भले व अच्छे सरल और नम्र स्वभाव के इतने है कि बहुत बार इसके लिये याचक की पात्रता का परीक्षण भी मायने नहीं रखता ! बचपन में सुनी एक कहानी बहुत लुभाती है मुझे, आपने भी कंही न कंही इस कहानी को जरूर सुना होगा।


एक चोर किसी दिन जब कुछ नहीं चुरा सका तो उसने शंकर जी के मंदिर की तरफ़ रूख किया ! चुराने लायक़ और कुछ दिखा नहीं उसे वहाँ, तब उसकी नज़र शिवलिंग के ऊपर लगे पीतल के घंटे पर गई ! भूखे चोर को जब घंटे तक पहुँचने में दिक़्क़त हुई तो वो शिवलिंग पर चढ़ गया, चोर वक्त आने पर मरा और स्वर्ग गया वहाँ बसे पुण्यात्माओ को हैरानी हुई इस न्याय से ! तब खुशमिजाज और विनोदी महादेव मुस्कुराये और कहा जब आप सभी महानुभाव मुझे बेलपत्र चढ़ाकर यहाँ जगह पा गये हो तो ये भला मानस तो खुद ही चढ़ गया था मुझ पर यह कैसे यहाँ जगह नहीं पाता।



महादेव आडबंरप्रिय नही है ! मेरे ख्याल से उनकी पूजा का कोई विशेष विधान नही ! वो खुद सरल है और आपसे सरलता की ही अपेक्षा करते है ! चूँकि सरल होना ही सबसे कठिन है इसलिये वो सबसे बड़े है ! केवल पानी से नहला देने पर प्रसन्न हो जाने वाले महादेव को उनकी सहजता ,उनकी सादगी , सबका हो जाना और सबको अपना लगना उन्हें लोकमानस में सबसे ऊँची जगह पर प्रतिष्ठित किये हुये है ! महादेव ब्रह्माण्ड को बनाये रखने और भारत को बनाए रखने व भारत को एक देश के रूप में बनाये रखने के सबसे बड़े सूत्रधार है ! आज के दिन विवाह हुआ था उनका ऐसे में सरलता सादगी औऱ अपने से लगने वाले देवो के देव महादेव को सादर प्रणाम करना तो बनता ही है।

ॐ नमः शिवायः





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