एक जोड़ा हनीमून के लिए इटली जाता है। वापस आता है और पति का कोरोना टेस्ट पॉज़िटिव पाते ही पत्नी बेंगेलौर से भाग लेती है। दिल्ली होते हुए आगरा पहुँचती है जहाँ उसका मायका है। स्वास्थ विभाग वालों को पुलिस की मदद लेनी पड़ती है उस लड़की को पकड़ने में, क्योंकि लड़की का पिता उसके घर में होने की बात छुपा रहा था। अब उसे और उसके पूरे परिवार को आइसोलेशन में रखा गया है।
वह लड़की जितने लोगों से अपने सफ़र के दौरान संपर्क में आई उनकी पहचान कैसे होगी और कैसे उनके टेस्ट होंगे? और यदि उन सहयात्रियों में से भी किसी को इस लड़की की वजह से कोरोना हो जाता है तो कौन ज़िम्मेदार होगा?
एक बीमारी जिससे लड़ा जा सकता है। जिससे ग्रसित होने के बाद ठीक होने वालों का आँकड़ा 70 हज़ार है उससे डरकर दूसरों की ज़िंदगी को ख़तरे में डालने वाले लोग स्वार्थी होने के साथ-साथ डरे हुए, बेहद डरे हुए हैं। जिन्हें लगता है कि कोरोना हो जाना या टेस्ट पॉजिटिव आना ही मरना है। ऐसा नहीं, आँकड़ें देखिए और समझिए कि यदि आपकी इम्युनिटी अच्छी होगी तो आप कोरोना टेस्ट पॉज़िटिव होने के बाद भी आप बच सकते हैं। तो ज़रूरी यह है कि हम अपनी इम्युनिटी बढ़ाने पर ध्यान दें बजाय टेस्ट से भागने या बीमारी को छुपाने के।
कृपया अपने आसपास जागरूकता बढ़ाएं। डरें नहीं, सिर्फ अपने बारे में ना सोचें। हो सकता है आपकी इम्युनिटी इतनी स्ट्रॉन्ग हो कि आपका टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद भी आप ठीक हो जाएं।
कोरोना होने के बाद भी 93% लोग हुए ठीक कोरोना से डरे नहीं लड़े।
लेकिन आपके संपर्क में आने वाला कोई बच्चा या बुजुर्ग या किसी अन्य बीमारी से ग्रसित व्यक्ति अपनी कमज़ोर इम्युनिटी की वजह से अपनी जान से हाथ धो बैठे। ऐसे में कोरोना को छुपाना अपराध में शामिल किया जाएगा और आप अन्य लोगों की जान को ख़तरे में डालने के अपराधी बनेंगे।
स्वस्थ रहें, स्वस्थ रखें। जागरुक रहें, जागरुकता रखें।



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