आज के परिवेश में स्कूल कॉलेज व अन्य संस्थाओं में महिला अपराध से जुड़े ढेरों मामले हैं जिन्हें अब सामान्य मान लिया जाता है लेकिन इससे गर्ल्स के राइटस व उनकी आजादी खतरे में होने लगती है उन्हें ब्लैकमेलिंग, या टॉर्चर किया जाता है लेकिन महिलाएं कम जागरूकता की वजह से चुप रहती हैं या बदनामी के लिहाज से डर जाती हैं।
इससे अपराध और फलता फूलता है महिलाओं के साथ होने वाले ऐसे छोटे छोटे समझे जाने अपराध जैसे उन्हें तस्वीरों के जरिये ब्लेक मेल करना या फिर मैसेज कर परेशान करना, व किसी भी तरह से मजबूर करना यह सब भारतीय दंड संहिता 1860 के अंतर्गत बड़े और संगीन (संज्ञेय) अपराध है।
पुलिस इन अपराधों में धारा 154 के अंतर्गत पक्की कंप्यूटर वाली एफआईआर दर्ज करेगी और आरोपी को फौरन गिरफ्तार करेगी और न्यायालय में उसे पेश करेगी इन धाराओं का आदमी पर मुकदमा चलेगा।
महिला को कुछ नहीं करना है केवल रिपोर्ट करना है और मामला दर्ज करवाना है अभियोजन स्टेट चलाएगी महिला को केवल एक दो दफा गवाही पर जाना होगा बाकी आरोपी हर तारीख पर कोर्ट में हाजिरी के लिए जाएगा।
- किशन कुमार जोशी
#kishanjoshi
0 टिप्पणियाँ
अपने विचार हमारे साथ साझा करें Kishankumarjoshi.blogspot.com वेबसाइट (सेवा) सूचना उद्देश्यों के लिए है और राजनीतिक, सामाजिक तथा आर्थिक मोर्चे पर बेहतर विश्लेषण प्रदान करने के उद्देश्य से है।