राजस्थान दुष्कर्मों को कब तक झेलेगा


दूसरे राज्यों में जब किसी मासूम के साथ गलत होता है तो Ashok Gehlot जी सहानुभूति जताते हैं 11 जनवरी कि रात को अलवर में एक मूक बाधिर नाबालिग लड़की के साथ दिल्ली की निर्भया की तरह दरिंदगी हुई औऱ गैंगरेप के बाद उसे ऑवरब्रीज से नीचे फैंक दिया गया लेकिन अभी तक कोंग्रेस के किसी भी बड़े नेता ने न ट्वीट किया है न ही पीडित परिवार से कोई मिला।

यह तब है जब दूसरे राज्यों में यही नेता सबसे पहले आगे आते हैं फिर राजस्थान के साथ यह व्यवहार क्या केवल राजनीति है, यह जानकर हैरानी होती है कि एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा दुष्कर्म के मामले राजस्थान में हैं पूरे देश में 2020 में दुष्कर्म के प्रतिदिन औसतन करीब 77 मामले दर्ज किए गए पिछले साल दुष्कर्म के कुल 28,046 मामले दर्ज किए गए थे देश में ऐसे सबसे अधिक मामले राजस्थान में और दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए हैं एनसीआरबी ने डेटा बताते हैं कि पिछले साल पूरे देश में महिलाओं के विरूद्ध अपराध के कुल 3,71,503 मामले दर्ज किए गए, जो 2019 में 4,05,326 थे और 2018 में 3,78,236 थे।

लेकिन इस पर कोई गम्भीर माहौल न देश मे है न राजस्थान में है कोई मामला जब होता है तो तब कुछ दिन विपक्ष चिलमचिली मचाता है बाद में सब शांत लेकिन यह जनता को तय करना चाहिए कि उन्हें कैसा समाज चाहिए कैसे नेता चाहिए चिलमचिली वाले या गम्भीरतापूर्वक जनता का दर्द समझने वाले। 

राजस्थान में यह मामला हुआ है लेकिन मीडिया हर बार की तरह यहाँ भी कवरेज़ नहीं दे रही इसके चलते न ही सरकार पर कोई दबाव आ रहा न ही अपराधी पकड़ में आ रहे चुनाव की रोटियाँ गरीबों के चूल्हों से ही क्यों पकती है अभी यूपी में एक ओर जहाँ उन्नाव रेप पीड़िता की मां को कांग्रेस ने टिकट दिया लेकिन दूसरी और राजस्थान की अलवर की घटना पर पूरी कोंग्रेस मूक है।

राजस्थान विपक्ष से गुज़ारिश है कि महिलाओं के उत्पीड़न औऱ शोषण के मुद्दों को बलपूर्वक उठाएं, जनता को गुलाम मानसिकता व व्हाट्सएपी ज्ञान परोसने की जगह अपनी नितियों में यह सुधार करें तो ज्यादा बेहतर होगा..।

- किशन कुमार जोशी 

#राजस्थान, #दुष्कर्म, #अलवर,


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ